मुझे पद से निष्कासित करने का अधिकार सिर्फ समाज को- अक्षय वासनिक




पत्र परिषद लेकर अक्षय वासनिक ने किया आरोप लगाने वालों पर पलटवार..

प्रतिनिधि।

गोंदिया। विश्वभूषन भारतरत्न परम पूज्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सार्वजनिक जयंती उत्सव समिति के इस वर्ष 2023 में समाज की सहमति से अध्यक्ष बनें एवं बाबासाहब की जयंती सभी के सहयोग से उत्साहपूर्वक सम्पन्न करने वाले समाज के अक्षय वासनिक पर समाज के ही कुछ लोगो ( अमित भालेराव व अन्य) ने विगत दिनों 7 मई को एक पत्र परिषद लेकर अनेक आरोप लगाकर उन्हें अध्यक्ष पद से निष्कासित करने की घोषणा की थी।


अक्षय वासनिक पर लगाये गए आरोपों एवं अध्यक्ष पद से निष्कासित करने के मामले पर आज 15 मई को अक्षय वासनिक ने समाज के लोगों के साथ पत्रकार परिषद लेकर उन आरोपों पर पलटवार किया है।


विश्वभूषन भारतरत्न परम पूज्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सार्वजनिक जयंती उत्सव समिति 2023 के अध्यक्ष अक्षय वासनिक ने कहा, की डॉ. बाबासाहब की जयंती का आयोजन अनेक वर्षों से इसी बैनर तले होता आ रहा है। जिसमें समाज के नागरिकों द्वारा हर साल सामाजिक कार्य में रुचि रखने वाले को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ये जिम्मेदारी इस वर्ष मुझे सौंपी गई।


परंतु वर्ष 2020 में कोविड के दौरान इसी नाम से एक संस्था (ट्रस्ट) का पंजीकरण कुछ लोगो ने बिना समाज को विश्वास में लिए कर डाला। जिसका सम्बंध वर्षो से समाज द्वारा चलाये जा रहे विश्वभूषन भारतरत्न परम पूज्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सार्वजनिक जयंती उत्सव समिति से नही है।


अक्षय वासनिक ने कहा, आज वही ट्रस्ट के लोग जिनका स्वयंघोषित अध्यक्ष अमित भालेराव व अन्य जिनमे घनश्याम पानतवाने आदि ने इस समाज की वर्षो पुरानी समिति को खुद के राजनीतिक स्वार्थ के लिए हाईजैक करने का प्रयास करते हुए मुझे निष्कासित करने की घोषणा कर डाली जो कि गलत व समाज को बदनाम करने का कार्य मात्र है।


वासनिक ने कहा, मुझे निष्कासित करने का अधिकार सिर्फ समाज को है, किसी ट्रस्ट को नही। बाबासाहब के नाम पर ये लोग स्वयं के हित के लिए राजकरण कर रहे है। समाज की दिशाभूल करने वालों की इन करतूतों को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। 


अक्षय वासनिक ने लगाए गए समिति के चंदे के हिसाब पर पटलवार करते हुए कहा कि, किसी भी समाज सेवा संस्था का काम समाज को एकरूपता में रखने, समाज को नई दिशा देने का होता है पर इस संस्था द्वारा ऐसा प्रतीत होता है कि ये सिर्फ समाज को संगठित नही, दो राह पर चलाने का कार्य कर रही है।


अक्षय वासनिक ने कहा, हर साल डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सार्वजनिक जयंती उत्सव समिति का संपूर्ण हिसाब दिसंबर में दिया जाता था, परंतु हम संपूर्ण हिसाब भगवान गौतम बुद्ध जयंती के 15 दिन बाद समाज के सामने देंगे। उन्होंने कहा अमित भालेराव समिति के दो साल अध्यक्ष रहे, पर उन्होंने अपने कार्यकाल का हिसाब कभी भी समाज के सामने या सभा में नही दिया। अक्षय वासनिक ने आरोप लगाया कि अमित भालेराव के अध्यक्ष कार्यकाल में बड़े रूप में आर्थिक दुर्व्यवहार हुआ है।


वासनिक ने आरोप लगाया कि, इस वर्ष 2023 में महापुरुषों की जयंती मनाने नगर परिषद के माध्यम से अनुदान निधि प्राप्त हुई। इस निधि को प्राप्त करने का अधिकार हमें होते हुए अमित भालेराव ने डेकोरेशन का फर्जी कोटेशन लगाकर बिना जानकारी के 1 लाख रुपये आंबेडकर जयंती के नाम पर लिया।


वासनिक ने कहा, हमनें जयंती उत्सव के दौरान रसीद बुक छपवाई थी। जिसमें अध्यक्ष होने के नाते मेरे अकॉउंट का बार कोड प्रिंट किया गया था। वर्षो से सार्वजनिक जयंती उत्सव समिती का किसी भी तरह का आधिकारिक अकाऊंट नंबर नही है, जिसके चलते ऑनलाइन चंदे की राशि, नकद राशि ग्रहण मैंने अध्यक्ष रहते ग्रहण किया। रसीद बुक कितनी छापी गई इसकी सारी जानकारी मेरी कार्यकारिणी को थी। रसीद बुक में ट्रस्ट का पंजीकरण नंबर गलती से रसीद बुक पर प्रिंट हो गया, उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी है। 


वासनिक ने कहा, ऐसे समाज विरोधी कृत्य करने वालो को समाज कभी माफ नही करेगा। हम डॉ. बाबासाहब आंबेडकर व तथागत गौतम बुद्ध के विचारों को मानने वाले लोग है। कुछ लोगो के कारण आज समाज की बदनामी हुई है जिसे लेकर हम अब कानूनी कार्रवाई करेंगे।


पत्र परिषद में अक्षय वासनिक के अलावा अतुल सतदेवे, देवा रुषे, रोहन रंगारी, कृष्णकुमार कठाने, अरविंद नागदेवे, स्वाति वालदे, डिलेश्वरी साखरे, मिलिंद बागड़े, संकेत कठाने, सागर गेडाम, किशोर भोयर सहित अन्य की उपस्थिति रही।

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